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भाई हम मजदूर हैं

तपती दोपहरी, जलते पांव,
जिसका स्थिर न होता ठांव,
खून पसीने से सींचन कर,
राष्ट्र निर्माण हम करते हैं,
गढ़ते नया इतिहास सृजन के
हुए परिवार सम्बन्धों से दूर हैं ,
अरमान हमारे चूर हैं,
भाई! हम तो मजदूर हैं......

राष्ट्र निर्माता, भाग्य विधाता मजदूर दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं......

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